मेरी चोदू माँ और रंडी दोस्त की चुदाई hindi sex story

मेरी चोदू माँ और रंडी दोस्त की चुदाई

वाइल्ड हॉट मॅाम सेक्स कहानी में मेरा घर वासना का अड्डा है. मेरी मम्मी को सेक्स का इतना चाव है कि वे दिन रात किसी के भी लंड से चुद सकती हैं.

मेरा नाम समीर है और मेरी उम्र 26 साल की है.

मैं एक लंबे, मोटे और ताकतवर लंड का मालिक हूँ जो हर किसी को अपनी गर्मी का अहसास करा देता हूँ.

मेरे घर में चार लोग हैं.
मैं, मेरी मम्मी सुनीता (47), पापा रमेश (55) और मेरी दीदी कोमल (29).

सब अपने आप में एक जलती हुई कहानी लिए हुए हैं.

मैंने पहली बार मम्मी और दीदी को उनकी कम उम्र में ही अपने जाल में फँसा लिया था, उनकी नर्म सांसों को अपनी गर्मी से भर दिया था.

लेकिन ये बात मेरे लिए एक न/शीला राज़ है कि न दीदी को पता है कि मैं मम्मी के साथ रातें रंगीन करता हूँ, न मम्मी को खबर है कि दीदी मेरे बिस्तर की शोभा बनती हैं.

और पापा?
अरे, उन्हें तो शायद हवा भी नहीं लगी होगी.

जब पापा और दीदी काम पर चले गए, मम्मी अपनी वही सी-थ्रू मैक्सी पहनकर आईं जो उनकी गोरी चमकती त्वचा को और भी न/शीला बना देती थी.

तो शुरू करता हूँ अपनी वाइल्ड हॉट मॅाम सेक्स कहानी:

वे अपनी इस कामुक मैक्सी के अन्दर कुछ नहीं पहनी थीं.
उनके कटाव मेरे लंड को कड़क बना रहे थे और आंखों में मद भर गया था.

मैं सोफे पर बैठा उनकी हर अदा को निहार रहा था.

मम्मी ने पीछे से अपनी मादक आवाज़ में पुकारा- मम्मी तैयार है बेटा … और तुम?
मैंने पलटकर देखा और उनकी हुस्न की कड़कती बिजली से टकरा गया- आज तो आप किसी हूर से कम नहीं लग रही हैं.
मैंने तारीफ में कहा.

तो मम्मी ने अपने होंठों पर एक शरारती मुस्कान लाते हुए जवाब दिया- कल ही तो ये तुम्हारे लिए लाई थी, मेरे राजा!

मैं उठा और उनके पास जाकर पीछे खड़ा हो गया.
उनका गर्म जिस्म मेरे सीने से टकरा रहा था.

एक हाथ से मैंने उनके भरे हुए, रसीले दूध को सहलाना शुरू किया, उनकी नर्म सिसकारियां हवा में घुलने लगीं.
दूसरा हाथ उनकी गोल, मुलायम गांड की गहराई में चला गया.

एक उंगली छेद के अन्दर-बाहर करते हुए मैं उनकी प्यास को और भड़काने लगा.

मम्मी ने अपनी मादक आवाज़ में कहा- आज बड़े दिनों बाद मेरी गांड को तुम्हारा प्यार याद आया है बेटा!

मैंने दो उंगलियां उनकी तपती गांड में डाल दीं और उसी हाथ से उन्हें हल्का सा ऊपर उठाया.
‘आज आप इतनी सेक्सी लग रही हैं, मम्मी कि आज आपके सारे छेद चोद-चोद कर चौड़े कर दूँगा.’
मैंने उनकी आंखों में देखते हुए कहा.

मम्मी ने मेरे सख्त लंड को अपने नाज़ुक हाथों से सहलाते हुए कहा- अच्छा, लग तो रहा है हाथ से बड़ा कर दोगे, पर इसका असली कमाल तो कुछ और है न?

मैंने उनकी मैक्सी को धीरे-धीरे उतारा, उनकी नंगी देह मेरे सामने चाँदनी की तरह चमक रही थी.

उनकी गांड से उंगलियां निकालते ही मैंने अपना तपता हुआ लंड अन्दर डाल दिया.
मम्मी ने एक गहरी, मादक सिसकारी ली और बोलीं- आज मम्मी को खुश कर दे, बेटा. बहुत दिनों से मेरी गांड प्यासी है तुम्हारी इस आग के लिए.

मैंने एक जोरदार धक्का मारा, लंड और गहराई तक चला गया.

उनके रसीले चूचों को दबाते हुए मैं उन्हें चोदने लगा, उनकी सांसें मेरे कानों में मधुर संगीत बन गईं.

मैंने पूछा- मम्मी, रमन को बुला लूँ?
मेरा दोस्त, जो मम्मी की जवानी का रस कई बार चख चुका है.

मम्मी ने अपनी आंखों में चमक लाते हुए कहा- मैं तो कहने ही वाली थी, आज रमन को भी बुला लो. मम्मी को आज एक साथ दो चाहिए, बेटा.
मैंने फौरन रमन को कॉल कर दिया और मम्मी को फिर से अपनी बाहों में जकड़ लिया.

आधा घंटा बाद रमन आ गया.
मैं मम्मी की गोद में लेटा हुआ था, उनके नर्म, तरबूज जैसे चूचों को चूस रहा था. उनकी मिठास मेरे मुँह में घुल रही थी.

रमन ने गेट बंद किया, कपड़े उतारे और मम्मी को देखकर बोला- आज तो आंटी लंड के न/शे में डूबी हुई हैं!
मम्मी ने शरारती अंदाज़ में जवाब दिया- कहां आते हो तुम बेटा? और ये नालायक तो मम्मी का ख्याल ही नहीं रखता!

रमन ने मुझसे कहा- क्या यार, आंटी की भरी जवानी, गुलाबी चूत, तरबूज जैसे चूतड़ और गुब्बारे जैसे चूचे देखकर भी तेरा खड़ा नहीं होता?
ये कहते हुए उसने अपना तना हुआ लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया और चुसवाने लगा.

मैंने हंसते हुए कहा- अरे, मम्मी ऐसे ही मज़ाक कर रही हैं. पापा के जाने के बाद तो मम्मी का नाश्ता मेरे लंड से ही शुरू होता है.
रमन बोला- यार, तेरे पापा तो बड़े लकी हैं, जिन्होंने इस माल की जवानी का रस पूरी शवाब में पिया.

मम्मी ने रमन का लंड मुँह से निकाला और अपनी मादक आवाज़ में बोलीं- कहां बेटा, तुझे तो पता ही है, पिछले 10 साल से मेरे बेटे और तुम ही मेरी आग बुझाते हो. उनके बस की बात नहीं, न पहले थी, न अब है!

रमन ने शरारत भरे लहजे में कहा- तो आंटी, आज बता ही दो, ये दोनों जो आपके बच्चे हैं … आखिर हैं किसके?
मम्मी ने मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा- अपने दोस्त से ही पूछ ले, बेटा.

मम्मी हमारे बीच में बैठी थीं, एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थीं, दूसरे से रमन का और बीच-बीच में दोनों को अपने रसीले होंठों से चूम रही थीं.

रमन बोला- आंटी, कई बार पूछा, पर ये भोसड़ी का बताता कहां है और न आप बताती हैं. आज तो ये राज़ खोल ही दो!

मम्मी ने गहरी सांस लेते हुए कहा- जब मेरी शादी हुई, मैं सिर्फ 19 की थी. मेरा कोई भाई नहीं था, तो पापा मेरे साथ यहां ससुराल में कुछ दिन रुके थे. लेकिन मुझे महीनों बाद भी ये सब अच्छा नहीं लगता था, इसलिए पापा मेरे साथ ही रहने लगे. मेरे पापा, यानि इसके नाना. वे नहीं चाहते थे कि मेरी शादी इतनी जल्दी हो.

रमन- क्यों आंटी ऐसा क्यों?

मम्मी बोली- बेटा, मैं छोटे से गांव की थी और मेरी मम्मी भी गांव की सोच वाली थीं, तो उन्होंने जबरदस्ती मेरी शादी करवा दी. जब मैं गांव में रहती थी, पापा मुझे रोज़ खेतों में अपने साथ ले जाते थे. जब आस-पास कोई नहीं होता था, वे मुझे ट्यूबवेल वाले कमरे में ले जाकर मेरे साथ खूब प्यार करते थे, मेरी जवानी को अपनी बांहों में भरकर मुझे चोदते थे.

रमन ये सुनकर चौंक पड़ा और बोला- आंटी, क्या कह रही हो आप? आपके पापा आपकी चुदाई करते थे?

मम्मी ने अपनी मादक हंसी के साथ जवाब दिया- बेटा, मेरे पापा मुझे शुरू से अपनी बांहों में भरकर चोदते आए हैं. हमारे गांव में रातें अंधेरी होती थीं, बिजली का नामोनिशान नहीं था. पापा बाहर चारपाई डालकर लेटते थे और मैं उनकी गर्म छाती से चिपक कर उसी चारपाई पर सो जाती थी. मम्मी के अन्दर सोने की वजह से पापा को मेरे नन्हे जिस्म के साथ खेलने की खुली छूट मिल जाती थी. हर रात वह मुझे चारपाई पर अपनी ताकत से चोदते थे और दिन में खेतों की तपती धूप में मेरी जवानी को भोगते थे. पहले तो मुझे अजीब लगा, पर धीरे-धीरे उनकी गर्मी मुझे भाने लगी. मैं खुद रात को उनकी बांहों में समाने लगी और दिन में स्कूल से सीधे खेतों में उनकी प्यास बुझाने पहुंच जाती थी.

‘फिर समीर कैसे पैदा हुआ, वह बताओ न!’

‘हाँ बता रही हूँ, जब शादी के बाद पापा मेरे साथ ससुराल में रुके, तो हर रात मैं उनके पास चली जाती थी. मेरे पति के सोने के बाद पापा मुझे अपनी मजबूत बांहों में उठाकर खुलेआम चोदते थे. ससुराल में सिर्फ मैं और मेरे पति थे. उनके मम्मी-पापा अपने गांव में रहते थे, तो पापा को मेरे साथ रंगरलियां मनाने का पूरा मौका मिलता था. उसी दौरान मैं उनकी गर्मी से प्रेग्नेंट हो गई. कुछ महीनों बाद पापा गांव लौट गए, पर वह बार-बार आते रहे. इससे कोमल का जन्म हुआ.

‘फिर?’
‘कोमल के जन्म के बाद वह एक-दो महीने के लिए मेरे पास रुकते और मेरे पति के जाने के बाद मेरी तूफानी चुदाई करते. दिन-रात मेरे जिस्म को निचोड़ते.’

‘ओह …’
‘अभी ओह क्यों … अभी आगे भी सुनो न … दो साल बाद, जब मैं दोबारा पापा के लंड की आग से प्रेग्नेंट हुई, तो पापा ने कहा- बस दो बच्चे ही करो, वरना तुम्हारी चूत का नक्शा बिगड़ जाएगा. तो मैंने उनसे शरारत से कहा कि तो आप मेरे चूतड़ चौड़े कर लो न! लेकिन पापा ने समीर के जन्म के बाद मेरे लिए कॉपर टी लगवा दी, ताकि बाद मैं चाहूँ तो निकाल कर फिर मज़े ले सकूँ.’

रमन ने कहा- ओके तब आपने प्रोटेक्शन का यूज किया!

‘हां, फिर जब समीर मेरे पेट में था और आठवां महीना चल रहा था, तब भी इसके नाना मुझे घोड़ी बनाकर चोदते थे. उनकी ताकत मेरे भारी जिस्म को भी हिला देती थी. समीर के जन्म के चार महीने बाद वे फिर आए और छह महीने तक दिन-रात मुझे चोदते रहे. मेरे चूचों को चूस-चूसकर मेरी जवानी का रस पीते रहे.’

मेरी मम्मी ये कहानी सुना रही थीं और हम दोनों उनके हाथों में अपने लंड थमाए हुए थे.

रमन ने अपनी दो उंगलियां मम्मी की रसीली गांड में डाल रखी थीं.

वह उनका माल निकालते हुए बोला- आंटी, आपकी कहानी से तो ऐसा लगता है कि नाना जी ने तो आपकी रूह तक चोद डाली.
मम्मी हंसती हुई बोलीं- बेटा, इसके नाना खेतों में मेहनत करने वाले मज़बूत मर्द हैं. उनका मोटा, तगड़ा लंड किसी की भी गांड को गुंबद बना सकता है.

रमन ने पूछा- अब नाना नहीं आते आपसे मिलने?
मैंने कहा- आते हैं, अभी एक महीना पहले रहकर गए हैं.

रमन बोला- इसलिए तू मुझे घर आने से मना करता था!
मैंने हंसते हुए कहा- हां, नाना को बुढ़ापे में भी जवानी चढ़ी है. वे 66 के हो गए, पर अपनी बेटी पर चढ़ने का शौक कम नहीं हुआ.

मम्मी ने मेरे गाल खींचते हुए कहा- देखो तो किसी को जलन हो रही है!
मैंने जवाब दिया- जलन नहीं मम्मी, मैं तो हैरान था कि बूढ़े में इतनी ताकत कहां से आती है!

मम्मी ने शरारती अंदाज़ में कहा- ऐसे नहीं बोलते, वे तुम्हारे नाना हैं … और तूने भी तो उनके साथ मिलकर खूब मज़े लिए हैं!

रमन ने मम्मी को अपनी गोद में बिठाया और उनके गर्म गांड के छेद में अपना तना हुआ औज़ार डाल दिया.
मम्मी सिसकारियां भरती हुई मुझसे बोलीं- बेटा, अपना भी दे दे.

मैंने भी उन्हें घोड़ी की पोजीशन में लेकर अपना लंड उनकी गांड में घुसा दिया.

मम्मी को एक साथ दो-दो लंड लेने की आदत थी.
वे अपनी चूत और गांड में हमारी ताकत को मज़े से झेल रही थीं.

फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड से निकाल कर उनके नीचे आ गया और उनकी भट्टी जैसी चूत में अपना लंड डाल कर चोदने लगा.
रमन उनकी गांड मारते हुए बोला- आंटी, अभी वाली कहानी भी सुनाओ, जब नाना आए थे.

मम्मी सिसकारियां भरती हुई अपनी गांड को आगे-पीछे करती हुई बोलीं- क्या बताऊं बेटा, इसके नाना ने एक महीने में मेरा पूरा रस निचोड़ लिया. इसके पापा के सोने के बाद वह कमरे में आते, मुझे बांहों में उठाकर बाहर ले जाते और नंगी करके मेरी चूत का भोसड़ा बना देते. समीर अपनी दीदी के साथ सोता रहता था और रात भर नाना मेरी चूत और गांड के परखच्चे उड़ा देते. सुबह इसके पापा और दीदी के जाने के बाद वह मुझे दिनभर नंगी रखते. ये और इसके नाना घर बंद करके मुझे मिलकर दिन-रात चोदते.

रमन- एक साथ दोनों!
‘हां, इसके नाना इससे कहते कि देख कितनी लाजवाब बेटी पैदा की है मैंने, जो अपने बाप और बेटे के लंड एक साथ अपनी चूत में लेती है. नाना-नाती ने मिलकर एक महीने में मेरी ऐसी चुदाई की कि लगा मानो कई जन्मों की प्यास बुझ गई.’

रमन बोला- आंटी, मज़े तो आप आज भी मेरे लंड से ले रही हैं!

मम्मी हंसकर बोलीं- वह बस एक-दो दिन का था बेटा. फिर इसके पापा के जाने के बाद ये बेशर्म दिनभर घर में नंगा घूमता था, इसका लंड मेरी आंखों के सामने झूलता रहता था.
मैंने कहा- मम्मी, मेरा लंड 24 घंटे में कम से कम 4 घंटे तो आपकी चूत या गांड में ही रहता है, तो शर्म किस बात की?

मम्मी बोलीं- और दीदी के घर आने के बाद भी जो किचन में मेरे चूतड़ और दूध सहलाता है, गांड में उंगली करता है, उसने देख लिया तो?
मैंने कहा- अरे जाने दो न मम्मी, दीदी क्या कहेंगी!

मम्मी बोलीं- हां, तभी तू बेशर्मों की तरह उसके सामने तौलिया पहनकर बैठता है, अन्दर चड्डी भी नहीं पहनता.

मैंने कहा- अरे मम्मी, अगर दीदी ने तौलिये के अन्दर मेरा लंड देखा होता, तो कुछ तो कहतीं, पर आज तक कुछ नहीं बोलीं.
मम्मी बोलीं- उसने तेरा लंड पचासों बार देखा है!

मैं घबरा गया, सोचा कहीं मम्मी को मेरे और दीदी के राज़ का पता तो नहीं चल गया.
मैंने हकलाते हुए पूछा- क्या मतलब आपका?

रमन समझ गया कि मैं क्यों परेशान हूँ.
उसे पता है कि मैं हर रात दीदी को चोदता हूँ.

मम्मी बोलीं- जब तू नहाकर गमछा लपेटकर आता है, तो गीले गमछे से तेरा लंड साफ दिखता है.
मैंने राहत की सांस लेते हुए कहा- अरे, आप कितनी बार ये बता चुकी हैं, इसमें क्या है?

मम्मी बोलीं- मैंने कोमल को कई बार तेरे लंड को घूरते देखा है.
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं मम्मी, दीदी ध्यान नहीं देती हैं.

मैं मन में सोच रहा था कि कितनी बार तो मैं दीदी के साथ ही नहाता हूँ और आपको पता भी नहीं.

मम्मी की कहानी खत्म होने से पहले मैं और रमन दोनों झड़ चुके थे.

मम्मी कहानी खत्म करके उठीं और अपने मोटे, रसीले चूतड़ मटकाती हुई नंगी ही किचन में चली गईं.

पांच मिनट बाद वे अपने तरबूज जैसे चूचों को हिलाते हुए, हाथ में नींबू पानी की ट्रे लेकर लौटीं और मेरे और रमन के बीच बैठ गईं.

रमन नींबू पानी पीते हुए बोला- यार, तेरी किस्मत तो कमाल की है. घर में इतनी हसीन, हॉट मम्मी है, जब मन करे चोद लेता है.
मैं मम्मी के चूचों को दबाते हुए बोला- मम्मी हो तो ऐसी, वरना न हो.

रमन बोला- आंटी, ये तो बात है. आपके जैसा माल घर में हो, जो दिन-रात चुदवाए … और वह भी अपनी मम्मी, तो बाहर कौन जाएगा?
मम्मी शर्माती हुई मुस्कुराईं- कहां माल जैसी हूँ, तुम जवान लड़कों को तो बस यंग लड़कियां पसंद आती हैं.

रमन बोला- क्या बात कर दी आंटी आपने! आप जैसा फिगर पाने के लिए यंग लड़कियां तरसती हैं. ये 34D के मोटे तरबूज आपकी छाती पर लटक रहे हैं और 30 की पतली कमर … हाय ये 36 के चूतड़ … मन करता है दिनभर इनके बीच मुँह डालकर आपकी गांड चाटता रहूँ.
मम्मी शर्मा गईं.

मैंने कहा- रमन, तूने तो सही कहा, मेरी मम्मी के आगे आजकल की लड़कियां फीकी हैं.
रमन बोला- तभी तो कह रहा हूँ कि तुझसे ज़्यादा लकी कौन? तेरी मम्मी ही तेरा माल हैं. जब मन किया, लंड निकाला और चूतड़ चोद दिए.

हमारी बातों के बीच मम्मी हम दोनों के लंड बारी-बारी चूस रही थीं और उनकी मेहरबानी से हमारा लंड फिर खड़ा हो गया.

मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया और चोदना शुरू कर दिया.
रमन ने उनके मुँह को चोदना शुरू किया.

पांच मिनट बाद रमन बोला- भाई, मुझे भी इन जन्नती चूतड़ों का मज़ा लेने दे. तेरा क्या, मेरे जाने के बाद फिर चोदेगा.
मैं आगे बढ़ा, मम्मी के मुँह में लंड डालकर चोदने लगा. रमन उनकी गांड मारने लगा और उनके चूतड़ों पर ताड़-ताड़ थप्पड़ मारने लगा.

उसने पांच मिनट तक इतने ज़ोर से थप्पड़ मारे कि मम्मी के चूतड़ लाल हो गए. उन पर उसकी उंगलियों के निशान छप गए.

मैं भी मम्मी की चूचियों पर तमाचे मार रहा था, उन्हें कस-कसकर निचोड़ रहा था.
उनके चूचे भी लाल हो गए, मेरी उंगलियों के निशान उनकी गोरी चमड़ी पर उभर आए.

फिर रमन ने मम्मी को अपने लंड पर बिठाया और चोदने लगा.
मैं आगे से उनकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा, उनके होंठों को चूमते हुए उनके मम्मों को मसलने लगा.

मम्मी की चुदाई की फच-फच की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं.
वे ‘आह्ह, ऊऊऊ और ज़ोर से बेटा, मम्मी की चूत का भोसड़ा बना दे’ कहती हुई सिसकारियां भर रही थीं.

मम्मी 2 बार झड़ चुकी थीं, उनकी चूत से माल बह रहा था.

आधा घंटा की जोशीली, पसीने से तरबतर चुदाई के बाद हम तीनों नंगे ही बिस्तर पर ढेर हो गए और गहरी नींद की आगोश में चले गए.

आपको मेरी वाइल्ड हॉट मॅाम सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज जरूर बताएं.

Leave a Comment